आपको रुमेटोलॉजिस्ट से कब मिलना चाहिए? 7 चेतावनी संकेत जिन्हें आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए

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23-06-2025

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आपको रुमेटोलॉजिस्ट से कब मिलना चाहिए?

    सुबह उठते ही आपके जोड़ों में अकड़न होती है, जैसे जंग लगे दरवाज़े की कड़ी पकड़। जैसे-जैसे दिन चढ़ता है, दर्द और भी गहरा होता जाता है। सीढ़ियाँ चढ़ना, बर्तन खोलना, यहाँ तक कि कुर्सी से उठना भी मुश्किल लगने लगता है। आप सोचते हैं, “शायद उम्र का असर है।”

    लेकिन अगर ये सिर्फ उम्र नहीं, कोई बीमारी है तो?

    एपेक्स हॉस्पिटल, जयपुर में, हम अक्सर ऐसे मरीज़ों से मिलते हैं जो इन संकेतों को शुरू में नज़रअंदाज़ कर देते हैं — और तब आते हैं जब दर्द रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर हावी होने लगता है। इस लेख में, हम बताएँगे:

  • रुमेटोलॉजिस्ट कौन होता है
  • किन लक्षणों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए
  • और क्यों समय पर इलाज आपके जोड़ों को बचा सकता है

    ---

रुमेटोलॉजिस्ट कौन है?

    रुमेटोलॉजिस्ट एक विशेषज्ञ डॉक्टर होता है जो ऑटोइम्यून बीमारियाँ, जोड़ों का दर्द, और मस्कुलोस्केलेटल (हड्डी-मांसपेशी) विकारों का इलाज करता है।

    इन बीमारियों में आपका इम्यून सिस्टम गलती से खुद के ऊतकों (टिशू) पर हमला करने लगता है।

    उदाहरण:

  • रूमेटाइड अर्थराइटिस (RA)
  • ल्यूपस (SLE)
  • एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस

    यह समस्याएँ सिर्फ जोड़ों तक सीमित नहीं होतीं – ये आपकी त्वचा, फेफड़े, किडनी, पाचन तंत्र, आँखें और मांसपेशियों तक को प्रभावित कर सकती हैं।

    > सोचिए रुमेटोलॉजिस्ट को एक डिटेक्टिव की तरह, जो उन समस्याओं को खोजता है जो सामान्य दवाइयाँ अक्सर नज़रअंदाज़ कर देती हैं।

    ---

7 चेतावनी संकेत – रुमेटोलॉजिस्ट से मिलने का समय कब है?

1. लगातार जोड़ों में दर्द या सूजन

2. सुबह की अकड़न जो 30 मिनट से ज़्यादा चले

3. बार-बार थकावट

4. त्वचा पर चकत्ते + जोड़ों का दर्द

5. परिवार में ऑटोइम्यून रोग का इतिहास

6. रोज़ के कामों में परेशानी

7. असामान्य रक्त रिपोर्ट (जैसे ANA+)

    ---

एपेक्स हॉस्पिटल, जयपुर में कैसे होता है निदान?

चरण 1: क्लिनिकल मूल्यांकन

चरण 2: रक्त जांच

चरण 3: इमेजिंग

    > डॉ. रजत रांका, कंसल्टेंट - रुमेटोलॉजी, हमेशा पहले फिजिकल एग्ज़ामिनेशन से शुरू करते हैं।

    ---

कब डॉक्टर से मिलें?

    यदि:

  • जोड़ों का दर्द 3–4 हफ्तों से ज़्यादा हो
  • OTC दवा लेने पर भी आराम न मिले
  • दर्द के साथ बुखार, दाने या वज़न कम हो रहा हो
  • रोज़मर्रा के कामों में कठिनाई हो रही हो

    तो रुमेटोलॉजिस्ट से मिलना ज़रूरी है।

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